कोरबा, 04 अगस्त 2025। छत्तीसगढ़ की धरती एक बार फिर ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में मील का पत्थर साबित होने जा रही है। कोयला मंत्रालय द्वारा कमर्शियल माइनिंग के 12वें दौर के तहत छत्तीसगढ़ के तीन महत्वपूर्ण कोल ब्लॉकों की सफल नीलामी की गई है। यह कदम न केवल राज्य की ऊर्जा आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा, बल्कि राजस्व और रोजगार के लिहाज से भी इसे एक बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है।
तीन खदानों की नीलामी, दो कोरबा में
कोरबा जिले की रजगामार डिपसाइड देवनारा और रजगामार डिपसाइड साउथ ऑफ फुलकडीह, तथा रायगढ़ जिले के एक कोल ब्लॉक की नीलामी की गई है। इनमें TMC मिनरल रिसोर्सेज प्राइवेट लिमिटेड को रजगामार डिपसाइड देवनारा माइंस और मिवान स्टील्स लिमिटेड को फुलकडीह माइंस आवंटित की गई है।
52.5 लाख टन सालाना उत्पादन, 719.90 करोड़ का राजस्व
कोयला मंत्रालय के अनुसार, इन खदानों से भविष्य में कुल 52.5 लाख टन कोयले का वार्षिक उत्पादन संभावित है। इस नीलामी से देश को सालाना करीब 719.90 करोड़ रुपये का सीधा राजस्व मिलने का अनुमान है। कोल मंत्रालय ने बताया कि कुल सात ब्लॉकों की नीलामी में अधिकांश खदानें कोरबा और झारखंड जैसे कोयला समृद्ध राज्यों में स्थित हैं।