Loksadan:-
टीआई विजय चेलक की विवेचना पर उच्च न्यायालय ने सुनाया फैसला
कोरबा जानकारी के अनुसार मामूली विवाद के बाद पत्नी की हत्या कर शव को घर के टॉयलेट टैंक में छिपाने वाले कथित आरोपी का अपराध सिद्ध होने पर उच्च न्यायालय ने आजीवन कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है। फैसला प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश कोरबा, संतोष कुमार आदित्य ने सुनाया।
बताया जा रहा हैं की 18 जुलाई 2022 को प्रार्थी ने बालको थाने में एक महिला के गुम होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसी दौरान कथित आरोपी की मां ने मृतका के भाई को फोन कर बहन के घर से गायब होने की सूचना दी। शक होने पर भाई अपने रिश्तेदारों के साथ उसके घर पहुंचा। वहां टॉयलेट के ऊपर रखी लकड़ियों पर शक हुआ। लकड़ियां हटाने पर टॉयलेट टैंक से बुधवारा बाई नामक महिला का शव बरामद हुआ और पुलिस को खबर दी गई।
पुलिस के द्वारा पूछताछ में कथित आरोपी ने जुर्म कबूल किया। उसने बताया कि मां को खाना न देने की बात को लेकर उसका पत्नी से विवाद हुआ था। इसी दौरान गुस्से में उसने तेंदू के डंडे से पत्नी के सिर पर वार कर हत्या कर दी। बाद में शव को छिपाने के लिए टॉयलेट टैंक में डाल दिया। पुलिस ने उसकी निशानदेही पर हथियार और अन्य साक्ष्य जब्त किए। मामले की विवेचना तत्कालीन बालको थाना प्रभारी विजय चेलक ने की थी।
न्यायालय ने पर्याप्त और पुख्ता सबूत पेश करने पर सबूतों और गवाहों के आधार पर उनको दोषी ठहराया। उस पर धारा 302 (हत्या) के तहत आजीवन कारावास और 5,000 रुपये अर्थदंड से दंडित किया। साथ ही धारा 201 (साक्ष्य छिपाना) के अंतर्गत एक वर्ष का सश्रम कारावास और 500 रुपये अर्थदंड दिया। अर्थदंड अदा न करने पर आरोपी को 6 माह का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा।