बीजापुर – छत्तीसगढ़ शासन की महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े ने मंगलवार को अपने बीजापुर प्रवास के दौरान जिले में संचालित महिला-बाल संरक्षण से जुड़ी विभिन्न संस्थाओं का निरीक्षण किया। उन्होंने बच्चों, महिलाओं एवं जरूरतमंदों के लिए चलाई जा रही सेवाओं की गुणवत्ता और संचालन का जायजा लिया।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े ने सबसे पहले टुमोरोज फाउंडेशन द्वारा संचालित बालक गृह तथा जिला प्रशासन के अधीन बालिका गृह का दौरा किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने वहां निवासरत बच्चों से सीधे बातचीत कर उनकी शिक्षा, स्वास्थ्य, भोजन और दैनिक दिनचर्या की जानकारी ली। उन्होंने यह सुनिश्चित करने के निर्देश दिए कि प्रत्येक बच्चे को पढ़ाई के लिए सभी आवश्यक संसाधन विशेष रूप से ट्यूशन की सुविधा मिले। बालिका गृह में निवासरत एक दिव्यांग बच्ची के लिए कृत्रिम पैर उपलब्ध कराने के निर्देश समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों को दिए।
इसके बाद मंत्री महोदया सखी वन स्टॉप सेंटर पहुंचीं, जहां उन्होंने हिंसा से पीड़ित महिलाओं को दी जाने वाली सहायता सेवाओं की समीक्षा की। जानकारी दी गई कि सेंटर में हर माह औसतन 12 से 20 मामलों में काउंसलिंग की जाती है और गंभीर मामलों में पीड़िताओं की सहमति से कानूनी कार्यवाही भी कराई जाती है।
मंत्री राजवाड़े ने एजुकेशन सिटी स्थित समर्थ विद्यालय का भी भ्रमण किया। वहां उन्होंने दिव्यांग बच्चों के संवेदी विकास के लिए बनाए गए कक्षों और पुनर्वास केंद्र की व्यवस्थाओं की सराहना की। बच्चों ने उन्हें नृत्य प्रस्तुति देकर आत्मीय स्वागत किया, जिस पर मंत्री महोदया ने बच्चों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें फल और चॉकलेट वितरित किए।
अपने दौरे के अंतिम चरण में मंत्री ने नशामुक्ति केंद्र पहुंचकर उपचाररत लोगों से मुलाकात की। उन्होंने मरीजों को नशा त्यागकर सकारात्मक जीवन जीने की प्रेरणा दी।
मंत्री श्रीमती राजवाड़े का यह दौरा न सिर्फ विभागीय सेवाओं की गुणवत्ता परखने का अवसर रहा, बल्कि यह बच्चों, महिलाओं और समाज के कमजोर वर्गों के प्रति उनकी संवेदनशीलता और प्रतिबद्धता को भी दर्शाता है।
इस दौरान बीजापुर कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, पुलिस अधीक्षक डॉ. जितेन्द्र यादव, सीईओ जिला पंचायत श्री हेमंत रमेश नंदनवार, महिला एवं बाल विकास विभाग के संचालक श्री पी.एल. एल्मा सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित रहे।