Loksadan. पाली पुलिस के आरक्षक की दरियादिली से एक भटकी बुजुर्ग महिला को उसका घर परिवार मिल गया. लोगों ने आरक्षक के इस मानवीय पहलू की मुक्त कंठ से सराहना की है.
पुलिस पर अक्सर किसी भी कार्यवाही पर हम उंगली उठा देते हैं, लेकिन पाली पुलिस के एक आरक्षक अनिल कुर्रे के सदप्रयास ने मानवीय पहलू को भी उजागर किया है.य़ह वाक्या नगर पंचायत पाली का है. कल रात 9 बजे लगभग 65 वर्षीय एक बुजुर्ग महिला CHC पाली के आसपास बदहवास घूमते दिखी,राह गुजरते ठाकुर राम भावनानी ने उससे पूछताछ की तब उसने बताया कि वह ग्राम कुआटोला(नवागढ़-मारो) की रहने वाली है जो ग्राम पाली के निकट बुटाना गांव में तीज पर अपनी बेटी राजकुमारी श्रीवास के घर जाने निकली है ,लेकिन वह धोखे से अथवा बस वाले की लापरवाही से नगर पंचायत पाली पहुंच गई और लोगों से ग्राम बुटाना का पता पूछने लगी. बुजुर्ग महिला ज्यादा कुछ बता पाने में सक्षम नहीं थी. तेज बारिश और गहराती रात में ठंड से ठिठुरते भीगे बुजुर्ग महिला को कैसे उसके गन्तव्य तक पहुंचाया जाए, यह ठाकुर राम नहीं सूझा तो उसने अपने प्रेस के साथी को वस्तु स्थिति से अवगत कराया और बुजुर्ग को यथा संभव मदद का आश्वासन दिया. इसकी जानकारी आरक्षक अनिल कुर्रे को दी गई जो उस वक्त कोरबा से पाली के लिए लौट रहा था. पहले ग्राम बुटाना खोजा गया.जो पाली से लगभग 60 किमी दूर लोरमी के निकट था.आरक्षक श्री कुर्रे ने बताया कि वह उस गांव को जानता है और उसने अपने स्तर उसके परिजनों की जानकारी जुटाया, तब स्थिति स्पष्ट हुई कि ग्राम बुटाना कोटा -लोरमी के बीच में स्थित है जहां बुजुर्ग महिला को जाना है.थाना प्रभारी जितेन्द्र यादव के मार्गदर्शन में रात 11 बजे आरक्षक श्री कुर्रे ने न केवल महिला के ग्राम की जानकारी जुटाई,वरन वाहन व्यवस्था कर ग्राम बुटाना उसके बेटी के घर तक छोड़ा.आरक्षक की इस संवेदनशील मानवीय पहल की सराहना हो रही है.