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👉 POSTED BY MR PRADEEP RAO
छात्राओं से यौन दुर्व्यवहार के आरोपी शिक्षक की आपराधिक अपील को खारिज करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत दी गई सजा को बरकरार रखा है। चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की पीठ ने निचली अदालत के फैसले की पुष्टि करते हुए कहा कि शिक्षक का पद सिर्फ पढ़ाने तक सीमित नहीं है, बल्कि यह विश्वास और जिम्मेदारी का पद है। छात्राओं के साथ यौन दुर्व्यवहार न केवल पेशेवर कदाचार है बल्कि गंभीर अपराध भी है।
अदालत का फैसला
इस मामले में नाबालिग पीड़िताओं की गवाही को अदालत ने विश्वसनीय माना। यह अपील मुंगेली के विशेष न्यायाधीश (एफटीएससी) पॉक्सो एक्ट द्वारा 2 मार्च 2022 को दिए गए फैसले के खिलाफ दायर की गई थी। आरोपी शिक्षक कीर्ति कुमार शर्मा को पॉक्सो अधिनियम की धारा 12 के तहत दोषी करार दिया गया था। निचली अदालत ने उसे दो साल, एक महीने और छह दिन के कारावास के साथ 2500 रुपए जुर्माने की सजा सुनाई थी। अपीलकर्ता पहले ही यह सजा पूरी कर चुका है और जुर्माना भी भर चुका है।
कैसे हुआ था खुलासा?
बरेला मुंगेली निवासी कीर्ति कुमार शर्मा शासकीय मिडिल स्कूल में गणित और अंग्रेजी पढ़ाने के लिए नियुक्त था, लेकिन वह 7वीं कक्षा में विज्ञान पढ़ाता था। इस दौरान वह छात्राओं को अनुचित तरीके से छूता और अभद्र टिप्पणियाँ करता था।
शिकायत मिलने के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच के आदेश दिए। 28 मार्च 2019 को बीईओ प्रतिमा मंडलोई ने मौके पर जाकर शिक्षकों और छात्राओं के बयान दर्ज किए। जांच में सामने आया कि आरोपी कक्षा में गुटखा-तंबाकू चबाता था और शौचालय जाने वाली छात्राओं पर अभद्र भाषा का प्रयोग करता था।
सामान्य प्रश्नोत्तर (FAQ)
प्रश्न 1: बिलासपुर शिक्षक यौन दुर्व्यवहार मामले में क्या फैसला हुआ?
👉 हाईकोर्ट ने पॉक्सो एक्ट के तहत शिक्षक की सजा को बरकरार रखा।
प्रश्न 2: आरोपी कौन था?
👉 आरोपी का नाम कीर्ति कुमार शर्मा है।
प्रश्न 3: उस पर क्या आरोप लगे थे?
👉 छात्राओं को गलत तरीके से छूना और अभद्र टिप्पणी करना।
प्रश्न 4: क्या उसने सजा काट ली है?
👉 हाँ, आरोपी पहले ही जेल की सजा काट चुका है और जुर्माना भी भर चुका है।
प्रश्न 5: शिकायत पर क्या कार्रवाई हुई थी?
👉 जिला शिक्षा अधिकारी ने जांच कराई, जिसके आधार पर अदालत ने उसे दोषी ठहराया।