बीजापुर – भैरमगढ़ के इतामपार कन्या आश्रम में पढ़ने वाली 12 वर्षीय छात्रा लक्ष्मी पुनेम का रक्षाबंधन पर भाई को राखी बांधने का सपना अधूरा रह गया। घर इंद्रावती नदी के उस पार, मर्रामेटा गांव में होने के कारण लक्ष्मी शुक्रवार को अपने रिश्तेदार के घर पर रुक गई थी। लेकिन शनिवार सुबह नहाने के लिए पानी भरते समय पैर फिसलने से वह गहरे कुएं में गिर गई और डूबकर उसकी मौत हो गई। समय रहते मदद न मिलने के कारण उसे बचाया नहीं जा सका।
गांव वालों का कहना है कि कुआं गहरा था और पानी ज्यादा भरा हुआ था, जिससे शव को निकालने में भी भारी मशक्कत करनी पड़ी। इस दर्दनाक हादसे के बाद विभाग की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठ खड़े हुए हैं। जिस सौ सीटर कन्या आश्रम में लक्ष्मी पढ़ती थी, उसकी अधीक्षिका घटना के समय आश्रम में मौजूद नहीं थीं और अवकाश पर थीं। अब यह स्पष्ट नहीं है कि उन्होंने किससे अनुमति ली और प्रभार किसे सौंपा।
सिर्फ दो दिन पहले चेरपाल के पोर्टा केबिन में सांप के काटने से एक छात्र की मौत हो चुकी है। विधायक विक्रम मंडावी का कहना है कि ये घटनाएँ महज़ हादसे नहीं, बल्कि विभाग की लापरवाही का नतीजा हैं। आदिवासी बच्चों की सुरक्षा और देखभाल के प्रति जिम्मेदार अधिकारी और कर्मचारी गंभीर नहीं हैं, जिससे लगातार मासूमों की जान जा रही है। उन्होंने इन मामलों की निष्पक्ष जांच और दोषियों पर कार्रवाई की मांग की है।