Loksadan गणेश चतुर्थी का का पर्व 27 अगस्त से आरंभ हो रहा है और 6 सितंबर को अनंत चतुर्दशी तक चलेगा। गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश को विराजमान किया जाता है। इस दिन गणेश जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। ऐसी मान्यता है कि भगवान गणेश की पूजा अर्चना करने से सारी बाधाएं दूर होती हैं। भगवान गणेश की उपासना करने वालों के जीवन में सुख शांति बनी रहती हैं। शास्त्रों में कहा गया है कि जो व्यक्ति भगवान गणेश की पूजा करता है उसकी सारी मनोकामनाएं पूरी होती है। 27 अगस्त से गणेश उत्सव का आरंभ हो रहा है ऐसे में अगले 11 दिनों तक गणपति बप्पा मोरया के जयकारे मंदिर और घरों में सुनाई देंगे। बप्पा की आराधना करने के लिए पहले की पूजन सामग्री आदि खरीदकर लाना बेहद जरुरी है। यहां जानें गणेश चतुर्थी पूजा की पूरी सामग्री।
गणेश चतुर्थी पूजन सामग्री
1) भगवान गणेश की प्रतिमा
2) कलश
3) नारियल
4) सुपारी
5) आम्रपल्लव
6) रोली
7) चावल
8) दूर्वा (21,11 या कम से कम 7)
9) मोदक के लड्डू
10) फूल
11) धूप,
12) दीप
13) गाय का घी
14) कपूर
15) लाल और पीला वस्त्र पूजा के लिए
16) गणेशजी के वस्त्र
17) पान के पत्ते
18) फूल माला
19) गंगाजल
20) चांदी का सिक्का
21) गुलाब जल
22) पंचमेवा
23) जनेऊ
24) फल (5 अलग-अलग तरह के)
25) प्रसाद
भगवान गणेश के 21 नामों का भी करें जप
जब भगवान गणेश की स्थापना हो जाए तो इसके बाद भगवान गणेश के 21 नामों का जप करें। ओम गणञ्जयाय नमः, ओम गं गणपतये नमः , ओम गं हेरम्बाय नमः, ओम गं क्षिप्रप्रसादनाय नमः, ओम गं महागणपतये नमः, ओम गं चिंतामणये नमः, ओम गं मंत्राय नमः, ओम गं काश्यपाय नमः, ओम गं आशापूरकाय नमः, ओम गं धरणीधराय नमः, ओम गं लक्षप्रदाय नमः ,ओम गं नन्दनाय नमः, ओम गं वाचासिद्धाय नमः, ओम गं सुमङ्गलाय नमः, ओम गं शिवाय नमः, ओम गं ढुण्ढिविनायकाय नमः ,ओम गं वरदाय नमः, ओम गं अमृताय नमः , ओम गं बीजाय नमः, ओम गं अमोघसिद्धये नमः, ओम गं निधये नमः
भगवान गणेश ने इन 21 नामों का जप करने से व्यक्ति को आंतरिक शांति मिलती है। साथ ही भगवान गणेश के इन नामों के जप करने से व्यक्ति खुद को भगवान गणेश से जोड़ पाता है और व्यक्ति को बुद्धि और समृद्धि प्राप्त होती है।