रायपुर:
छत्तीसगढ़ पुलिस के दो बहादुर अफसर लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख को भारत सरकार शौर्य पदक से सम्मानित करेगी। दोनों अफसरों का नक्सलियों में खौफ है। इन दोनों ने कई नक्सल विरोधी अभियानों का नेतृत्व किया है, जिसमें दोनों अफसरों ने नक्सलियों को उनके गढ़ में घुसकर मारा। उनकी बहादुरी के लिए अब भारत सरकार उन्हें यह सम्मान दे रही है।
इंस्पेक्टर लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख उत्तर बस्तर हो या दक्षिण बस्तर, नक्सलियों में इनके नाम की दहशत है। लक्ष्मण केवट ने 100 से ज्यादा नक्सल ऑपरेशन किए हैं, जिनमें अब तक 92 नक्सलियों को मार गिराया है। दूसरी तरफ रामेश्वर देशमुख ने भी 52 से ज्यादा नक्सलियों को ढेर किया है।
एक रिपोर्ट के अनुसार, 16 अप्रैल 2024 को सुरक्षाबलों ने कलपर-हापाटोला इलाके में 29 नक्सलियों को मार गिराया था। यह नक्सलियों का मजबूत गढ़ माना जाता था। इस ऑपरेशन को केवट और देशमुख ने ही लीड किया था।
लक्ष्मण केवट और रामेश्वर देशमुख पखांजुर और भानुप्रतापपुर के थाना प्रभारी रहे हैं। उन्होंने नक्सलियों के खिलाफ कई बड़े ऑपरेशन किए। उनके नेतृत्व में टीम ने नक्सलियों को उनके इलाके में घुसकर मारा। लक्ष्मण केवट को पहले भी 6 बार राष्ट्रपति पदक और एक बार वीरता पदक मिल चुका है। रामेश्वर देशमुख को 2 बार राष्ट्रपति पदक और दक्षता पदक मिल चुका है। इस बार उन्हें शौर्य पदक से सम्मानित किया जाएगा। उन्हें एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है।