नई दिल्ली: एसएससी शिक्षकों ने सोमवार को केंद्रीय कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह से मुलाकात की. इस बैठक में मंत्री ने शिक्षकों की बात मान ली है. कहा गया है कि जिन सेंटर्स पर छात्रों को परीक्षा के समय दिक्कत हुई है, वहां छात्रों को दोबारा परीक्षा देने का मौका दिया जाएगा. वहीं जिन गलत सवालों का 100 रुपये प्रति सवाल के आधार पर तय किया जाता है, अब अगर उत्तर सही हुआ तो उसका पूरा पैसा वापस मिलेगा. एसएससी सीपीओ परीक्षा का परिणाम एक सप्ताह में आ जाएगा.
इससे पहले शिक्षक डीओपीटी के सेक्रेटरी से मिले थे. वहीं विपक्ष भी एसएससी की परीक्षा में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए केंद्र सरकार से इसकी निष्पक्ष जांच कराने की मांग की थी.
एसएससी परीक्षा 24 जुलाई से शुरू हुई थी और इसका आयोजन एक अगस्त तक होना था. परीक्षा की शुरुआत के साथ ही तमाम तरह की गड़बड़ियों की शिकायत मिली. जिसमें सर्वर क्रैश होना, सिस्टम काम न करना, परीक्षा का अचानक रद्द होना शामिल है.
गड़बड़ियों, अनियमितताओं और कुप्रबंधन के खिलाफ परीक्षार्थियों और कोचिंग में पढ़ाने वाले कई लोकप्रिय शिक्षकों ने जंतर-मंतर पर प्रदर्शन भी किया था. परीक्षार्थियों ने परीक्षा केंद्रों पर बाउंसरों की मौजूदगी पर सवाल उठाया थे. उनका कहना था कि हम कोई अपराधी नहीं हैं कि परीक्षा केंद्रों पर बाउंसर रखे गए. हम बेहतर सिस्टम की मांग कर रहे हैं, न की दंगा कर रहे हैं.
उनका कहना था कि परीक्षा नियंत्रित करने वाली एजेंसी को बदले जाने की वजह से गड़बड़ी हुई है. ये एजेंसी पारदर्शी और व्यवस्थित परीक्षा कराने में असफल हैं. इसका कॉन्ट्रैक्ट रद्द किया जाना चाहिए.
परीक्षार्थियों का कहना था कि एसएससी के निदेशक के साथ बैठक में अधिकारियों ने माना है कि तीन लाख उम्मीदवारों में से 55 हजार ने शिकायतें दी हैं. शिकायतों की इतनी बड़ी संख्या अव्यवस्था के बारे में बहुत कुछ कहती है.
13 अगस्त से एसएससी-सीजीएल (कंबाइंड ग्रेजुएट लेवल) की परीक्षा शुरू होने वाली है. इसमें 30 लाख परीक्षार्थी शामिल होंगे. प्रदर्शनकारी इस परीक्षा के सफल आयोजन पर भी संशय जाहिर कर रहे हैं.