बीजापुर – छत्तीसगढ़ शासन के लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, चिकित्सा शिक्षा तथा बीस सूत्रीय कार्यक्रम क्रियान्वयन मंत्री श्री श्याम बिहारी जायसवाल ने आज अपने बीजापुर प्रवास के दौरान जिले में स्वास्थ्य सेवाओं की जमीनी हकीकत परखने के उद्देश्य से कई स्वास्थ्य केंद्रों का औचक निरीक्षण किया। उन्होंने सबसे पहले भैरमगढ़ स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जांगला का आयुष्मान आरोग्य मंदिर, और नैमेड़ स्थित बालिका पोटाकेबिन का निरीक्षण कर विभिन्न व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद जिला अस्पताल बीजापुर पहुंचकर वहां संचालित उमंग मातृ- शिशु संस्थान सहित विभिन्न वार्डों का अवलोकन किया। इस दौरान उन्होंने भर्ती मरीजों से स्वास्थ्य सेवाओं, भोजन, दवाई की उपलब्धता और अस्पताल स्टाफ के व्यवहार के संबंध में सीधा संवाद किया।
निरीक्षण के उपरांत आयोजित समीक्षा बैठक में श्री जायसवाल ने जिले में मलेरिया के बढ़ते मामलों पर गंभीर चिंता जताई और कहा कि बीजापुर जैसे आदिवासी बहुल, सघन वन क्षेत्र वाले जिले में यदि मलेरिया को नियंत्रित नहीं किया गया तो यह जनस्वास्थ्य के लिए गंभीर संकट बन सकता है। उन्होंने निर्देशित किया कि मलेरिया उन्मूलन के लिए केवल प्रचार-प्रसार से काम नहीं चलेगा, बल्कि घर-घर जाकर मलेरिया की स्क्रीनिंग, रक्त जांच, तथा धनात्मक (पॉजिटिव) पाए जाने वाले मरीजों को तत्काल पूर्ण उपचार मुहैया कराया जाना अनिवार्य है। मंत्री ने यह भी कहा कि इलाज अधूरा न रहे, यह सुनिश्चत करने के लिए स्वास्थ्य कर्मी मरीजों को दवा की पूरी खुराक दिलवाएं और उसका सेवन कराएं, ताकि बीमारी की पुनरावृत्ति की संभावना समाप्त हो।
केवल मलेरिया ही नहीं, मंत्री ने जिले में गर्भवती महिलाओं, किशोरियों एवं बच्चों में बढ़ते कुपोषण और एनीमिया पर भी चिंता व्यक्त की। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि आवासीय विद्यालयों में बच्चों को नियमित रूप से अंडा और पोषणयुक्त भोजन उपलब्ध कराया जाए, तथा गर्भवती महिलाओं के लिए आयरन युक्त आहार एवं आवश्यक स्वास्थ्य सेवाएं नियमित रूप से दी जाएं। उन्होंने यह भी कहा कि पोषण और स्वच्छता के क्षेत्र में जनजागरूकता बढ़ाने की जरूरत है, ताकि समुदाय स्वयं अपनी सेहत के प्रति सजग बन सके।
स्वास्थ्य मंत्री ने बीजापुर जैसे दूर-दराज और दुर्गम इलाकों में बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाने को राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकताओं में बताया और कहा कि एम्बुलेंस सेवाओं को इस उद्देश्य से और अधिक सुदृढ़ किया जाएगा। उन्होंने विशेष रूप से कहा कि कई गांव और आदिवासी बस्तियां ऐसी हैं जहां चारपहिया एम्बुलेंस पहुंचना मुश्किल होता है, वहां के लिए बाइक एम्बुलेंस सेवा को दोबारा शुरू किया जाएगा, जिससे इमरजेंसी सेवाओं की पहुंच सुनिश्चित हो सके। साथ ही उन्होंने सभी एम्बुलेंस वाहनों की मरम्मत, ईंधन आपूर्ति और ड्राइवरों की नियमित ड्यूटी सुनिश्चित करने के भी निर्देश दिए।
स्वास्थ्य मंत्री ने यह भी घोषणा की कि बीजापुर में स्वास्थ्य अवसंरचना को और मजबूत करने के उद्देश्य से बजट में स्वीकृत नवीन 220 सीटर जिला अस्पताल तथा नर्सिंग कॉलेज का निर्माण शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। इसके लिए जमीन चयन की प्रक्रिया को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जिले में प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की भारी कमी को दूर करने के लिए स्थानीय स्तर पर स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की भर्ती प्रक्रिया शीघ्र शुरू की जाएगी, ताकि सभी उपस्वास्थ्य केंद्रों, पीएचसी व सीएचसी में सेवाएं निर्बाध रूप से जारी रह सकें।
इस व्यापक निरीक्षण और समीक्षा बैठक के दौरान मंत्री के साथ स्वास्थ्य विभाग के सचिव श्री अमित कटारिया, कलेक्टर श्री संबित मिश्रा, सीजीएमएससी के चेयरमैन श्री दीपक महस्के, जिला पंचायत की सीईओ श्रीमती नम्रता चौबे सहित जिले के वरिष्ठ स्वास्थ्य अधिकारी और विभिन्न विभागों के विशेषज्ञ उपस्थित रहे। मंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि स्वास्थ्य जैसे विषय में कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।