Loksadan. पाली । जिला पंचायत कोरबा की स्वास्थ्य एवं महिला बाल विकास की सभापति श्रीमती माया रूपेश कंवर ने पाली विकासखंड के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का औचक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्था और लापरवाहियों को लेकर उन्होंने गहरी नाराज़गी जताई।
सिजेरियन (ऑपरेशन से) डिलीवरी न होने पर नाराज़गी प्रसूता वार्ड की जांच के दौरान यह सामने आया कि अस्पताल में स्त्री रोग विशेषज्ञ पदस्थ होने के बावजूद अब तक केवल नॉर्मल डिलीवरी ही कराई गई है। मरीजों ने बताया कि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें बाहर अन्य निजी अस्पतालों में रेफर कर दिया जाता है, जहाँ निजी अस्पतालों में 30 से 50 हज़ार रुपये तक वसूले जाते हैं, इस पर सभापति ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि यह आमजन पर अनुचित आर्थिक बोझ है और स्वास्थ्य केंद्र की मूलभूत जिम्मेदारी से परे जाने जैसा है।
लचर विद्युत व्यवस्था से संकट
निरीक्षण के दौरान यह भी पाया गया कि अस्पताल में बिजली गुल होने पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था मौजूद नहीं है। न इन्वर्टर की सुविधा है और न ही जनरेटर की, जिससे आपातकालीन परिस्थितियों में मरीजों की जान को गंभीर खतरा हो सकता है।
अन्य व्यवस्थाओं की समीक्षा
श्रीमती कंवर ने आपातकालीन वार्ड, प्रसूता वार्ड, महिला-पुरुष वार्ड, दवा वितरण केंद्र, प्रधानमंत्री जन औषधि केंद्र, रसोईघर एवं एनआरसी (सुपोषण केंद्र) का भी निरीक्षण किया। यहाँ बच्चों एवं माताओं से पोषण आहार की जानकारी ली और बरसात के मौसम में होने वाली मौसमी बीमारियों से निपटने हेतु खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ. अनिल सराफ को विशेष सजगता से कार्य करने के निर्देश दिए।
अस्पताल स्टाफ पर अभद्रता का आरोप
निरीक्षण के दौरान हुई एक अप्रिय घटना का उल्लेख करते हुए सभापति माया कंवर ने बताया कि दवा वितरण केंद्र में डीएमएफ मद से पदस्थ फार्मासिस्ट कु. दीपश्री गहरे और डॉ. जयंत भगत ने उनके साथ अभद्र व्यवहार किया। उन्होंने कहा कि यदि अस्पताल स्टाफ का रवैया जनप्रतिनिधियों के प्रति ऐसा है, तो आमजनों के साथ उनके व्यवहार का अंदाज़ा आसानी से लगाया जा सकता है। उन्होंने इस पर गंभीर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि इस स्वास्थ्य केंद्र में पूर्व में भी लापरवाहियों के मामले सामने आ चुके हैं, जिन पर शीघ्र ही कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।
निर्देश और आश्वासन
निरीक्षण के अंत में सभापति ने अस्पताल प्रबंधन को साफ-सफाई, बिजली व्यवस्था, आपातकालीन सुविधाओं और प्रसव संबंधी व्यवस्थाओं में तत्काल सुधार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि आमजन को गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराना प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए और इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।