“कोरबा एमजीएम हॉस्पिटल: थ्रॉम्बोलिसिस से हार्ट अटैक मरीजों की बच रही जानें”

 

Loksadan।   हार्ट अटैक मरीजों को अब चिंता नहीं : कोरबा के एमजीएम हॉस्पिटल में थ्रॉम्बोलिसिस से बच रही जानें, 24 घंटे उपलब्ध आधुनिक स्वास्थ्य सुविधाएँ

 

कोरबा। हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति में अब कोरबा के मरीजों को दूर बड़े शहरों तक भागने की जरूरत नहीं है। मीना जैन मेमोरियल हॉस्पिटल ने थ्रॉम्बोलिसिस जैसी अत्याधुनिक सुविधा देकर कई ज़िंदगियों को नया जीवन दिया है। बीते कुछ एक माह में यहाँ 15 से अधिक मरीजों को समय रहते थ्रॉम्बोलिसिस देकर हार्ट अटैक से होने वाली मौत से बचाया गया है। मरीजों को तुरंत राहत मिली और परिवार को बड़ी चिंता से निजात।

एमजीएम हॉस्पिटल की यह पहल कोरबा जैसे इलाके के लिए किसी वरदान से कम नहीं है। यहाँ के एमडी मेडिसिन डॉक्टर प्रिंस जैन ने इस सुविधा को संभव बनाया है। डॉक्टर जैन न केवल हार्ट और बीपी-शुगर के विशेषज्ञ हैं बल्कि क्रिटिकल केयर जैसी गंभीर बीमारियों का भी समर्पित इलाज करते हैं। उनकी देखरेख और अनुभव के कारण अब कोरबा के मरीजों को रायपुर या अन्य बड़े शहरों तक भागने की मजबूरी से छुटकारा मिल गया है।

डॉक्टर जैन को स्थानीय लोग गरीबों का मसीहा भी कहते हैं। वजह है कि वे हर मरीज को पूरी ईमानदारी और लगन से उपचार उपलब्ध कराते हैं। उनके प्रयासों से न सिर्फ हार्ट अटैक बल्कि अन्य गंभीर बीमारियों से भी राहत पाने वाले मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

एमजीएम हॉस्पिटल केवल हार्ट अटैक ही नहीं बल्कि हर तरह की आपात और नियमित चिकित्सा सेवाओं में भी अग्रणी है। यहाँ 24 घंटे डिलीवरी (नॉर्मल व ऑपरेशन) की सुविधा उपलब्ध है, जिससे गर्भवती महिलाओं को समय पर सुरक्षित उपचार मिलता है। साथ ही 24 घंटे शिशुरोग विशेषज्ञ उपलब्ध रहते हैं, ताकि नवजात शिशु और बच्चों को हर वक्त बेहतर देखभाल मिल सके।

इसके अलावा अस्पताल में ट्रॉमा केयर यूनिट भी है, जहाँ दुर्घटनाग्रस्त और गंभीर मरीजों का त्वरित इलाज किया जाता है। हड्डी रोग विशेषज्ञ और जनरल सर्जरी की सेवाएँ लगातार उपलब्ध हैं। एमजीएम हॉस्पिटल में 22 बेड का अत्याधुनिक आईसीयू स्थापित किया गया है, जो गंभीर मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित होता है।

एमजीएम हॉस्पिटल में 24 घंटे फार्मेसी और लैब की सुविधा है, जिससे मरीजों को दवाओं और जाँच के लिए बाहर भटकना नहीं पड़ता। यहाँ मरीजों की जरूरत को देखते हुए प्राइवेट वार्ड और सबसे किफायती जनरल वार्ड भी उपलब्ध कराए गए हैं। इसका उद्देश्य है कि हर वर्ग का मरीज बेहतर और किफायती स्वास्थ्य सेवा पा सके।

थ्रॉम्बोलिसिस जैसी आधुनिक प्रक्रिया और 24 घंटे की उपलब्ध सेवाओं ने कोरबा के मरीजों और उनके परिवारों को बड़ी राहत दी है। हार्ट अटैक जैसी आपात स्थिति में अब समय रहते इलाज संभव है, वहीं मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य से लेकर गंभीर दुर्घटनाओं तक हर स्थिति के लिए अस्पताल तैयार है।

एमजीएम हॉस्पिटल और डॉक्टर प्रिंस जैन की यह पहल न केवल कोरबा बल्कि आसपास के जिलों के लोगों के लिए भी जीवनदायिनी साबित हो रही है। आने वाले समय में यहाँ और भी नई सुविधाएँ शुरू की जाएंगी, जिससे इस क्षेत्र को स्वास्थ्य सेवाओं में आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

  • Manoj Thakur

    Related Posts

    अरपाँचल लोकमंच का रावण दहन विवाद: शासन-प्रशासन का ग्रहण, राजनीतिक दबाव पर उठे सवाल

      Loksadan।  सिद्धांशु मिश्रा बोले – क्यों रोका जा रहा परंपरागत सांस्कृतिक आयोजन, जनता की इच्छाओं के खिलाफ प्रशासन ने थमाया रोकथाम का पहरा   बिलासपुर, 08 अगस्त 2025 – छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में अरपाँचल लोकमंच समिति द्वारा साइनस कॉलेज मैदान में आयोजित होने वाला भव्य रावण दहन कार्यक्रम इस वर्ष अनचाही विवादों में घिर गया। परंपरागत दशहरा पर्व के उपलक्ष्य में आयोजित यह सांस्कृतिक आयोजन पिछले चार वर्षों से सर्व समाज का प्रतीक बन चुका है। लेकिन इस बार, अरपापार सरकंडा क्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम को साइनस कॉलेज प्रबंधन ने बिना किसी स्पष्ट वजह के अनुमति देने से इनकार कर दिया और प्रशासन को जिम्मेदारी सौंप दी।   समिति के अध्यक्ष पं. सिद्धांशु मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में गम्भीर आरोप लगाते हुए बताया कि यह निर्णय किसी राजनीतिक स्वार्थ से प्रेरित प्रतीत होता है। मिश्रा ने कहा, “साइनस कॉलेज प्रशासन बार-बार ‘ऊपर वाले’ का नाम बताने से कतरा रहा है, जबकि हर कोई जानना चाहता है कि कौन-सा शक्तिशाली व्यक्ति इस रामकाज को रोकने के लिए प्रशासन के पीछे खड़ा है।”   समिति के पदाधिकारी यह भी स्पष्ट करते हैं कि यह आयोजन क्षेत्र के ग्रामीण अंचल के हजारों रामभक्तों के लिए विशेष महत्व रखता है। वे पैदल चलकर साइनस कॉलेज मैदान आते हैं ताकि रावण दहन के ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बन सकें। परंतु इस बार कॉलेज प्रशासन द्वारा अनुमति ना देने के निर्णय से आयोजकों और समाज के विभिन्न वर्गों में भारी आक्रोश व्याप्त है।   सिद्धांशु मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “अगर शासन-प्रशासन सत्ता पक्ष के दबाव में आकर परंपरागत रावण दहन कार्यक्रम में विघ्न डालते हैं तो हम हर हाल में साइनस कॉलेज मैदान पर ही इसे संपन्न कराएंगे, चाहे जेल की हवा क्यों न खानी पड़े।”   उन्होंने यह भी बताया कि हर वर्ष समिति यह निर्णय लेती है कि आयोजन में सभी राजनीतिक दलों के नेता एक मंच पर सामूहिक रूप से उपस्थित होकर समाज में सौहार्द का संदेश दें। पिछले वर्षों की कांग्रेस, भाजपा, और अन्य दलों के विधायकों-सांसदों की संयुक्त तस्वीरें प्रेस कॉन्फ्रेंस में प्रदर्शित करते हुए मिश्रा ने सवाल उठाया, “अब बताइए इसमें दलगत राजनीति की कितनी गुंजाइश बचती है?”   समिति अडिग है कि यह आयोजन उसी स्थान पर होगा। अब देखना यह है कि सत्ता पक्ष के दबाव में प्रशासन अपने आप को इस नैतिक एवं सामाजिक महापाप से कैसे बचाएगा। दशहरा पर्व तक साइनस कॉलेज मैदान प्रदेश की चर्चा का मुख्य बिंदु बना रहेगा, जहाँ अच्छाई और बुराई की परस्पर टक्कर स्पष्ट होगी।

    डिलीवरी के कुछ घंटे बाद प्रसूता की मौत , परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया

      Loksadan।  सिजेरियन डिलीवरी के कुछ घंटे बाद प्रसूता की मौत परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया, प्रबंधन कराएगा जांच कोरबा के सरकारी मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में कोहड़िया चारपारा निवासी नंदिनी साहू की सिजेरियन प्रसव के कुछ घंटे बाद हालत बिगड़ गई और फिर उसके मौत हो गई। परिजनों इस मामले में डॉक्टर पर लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। अस्पताल प्रबंधन ने कहा कि परिजनों की मांग पर डॉक्टर के पैनल से पोस्टमार्टम कराया गया और तथ्यों के आधार पर आगे जांच करेंगे।   चारपारा कोहड़िया क्षेत्र में रहने वाली नंदिनी साहू का प्रथम प्रसव था। परिजनों के द्वारा उसे मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था। जानकारी के अनुसार यह डिलीवरी सिजेरियन संपन्न हुआ। नंदिनी के पति कीर्तन ने बताया कि अस्पताल स्टाफ ने उसे बार-बार अलग-अलग जानकारी दी और यहां वहां चक्कर लगवाए। डॉक्टर की सलाह पर ही हमने नंदिनी की बच्चेदानी निकालने को कहा। कई यूनिट ब्लड की व्यवस्था करने के बाद भी नंदिनी की मौत हो गई। मेरा आरोप है कि डॉक्टर के लापरवाही से यह घटना हुई है।   परिजनों के इस आरोप के बारे में अस्पताल प्रबंधन की और से बताया गया कि कई प्रकार के कॉम्प्लिकेशन थे। सिजेरियन मामले में कितना ब्लड बह जाएगा इसका अनुमान लगाना कठिन होता है। इसलिए हमने अतिरिक्त ब्लड की व्यवस्था करने को कहा था। अस्पताल प्रबंधन ने यह अभी कहां की परिजनों की मांग पर डॉक्टर के पैनल से मृतका का पोस्टमार्टम व वीडियो ग्राफी कराई गई है। रिपोर्ट के आधार पर आगे की जांच और कार्रवाई होगी । इस मामले में साहू परिवार ने नंदिनी साहू को खो दिया है जबकि उसके द्वारा जन्म दिए गए दो नवजात सकुशल हैं और उनकी सारसंभाल की जा रही है। देखना होगा कि नंदिनी की मौत को लेकर जो कुछ बातें की जा रही है, उसका असली सच क्या कुछ सामने आता है।

    अन्य खबरे

    अरपाँचल लोकमंच का रावण दहन विवाद: शासन-प्रशासन का ग्रहण, राजनीतिक दबाव पर उठे सवाल

    अरपाँचल लोकमंच का रावण दहन विवाद: शासन-प्रशासन का ग्रहण, राजनीतिक दबाव पर उठे सवाल

    डिलीवरी के कुछ घंटे बाद प्रसूता की मौत , परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया

    डिलीवरी के कुछ घंटे बाद प्रसूता की मौत , परिजनों ने लापरवाही का आरोप लगाया

    *माटी अधिकार मंच 9 सितंबर को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का करेगा गेट जाम हड़ताल* 

    *माटी अधिकार मंच 9 सितंबर को कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का करेगा गेट जाम हड़ताल* 

    कैंसर से जंग में नई उम्मीद: रूस की ‘एंटेरोमिक्स’ क्लीनिकल ट्रायल में 100% सफल

    कैंसर से जंग में नई उम्मीद: रूस की ‘एंटेरोमिक्स’ क्लीनिकल ट्रायल में 100% सफल

    कांग्रेस सांसद ने ग्रामीण के कंधे पर बैठकर किया बाढ़ क्षेत्र का दौरा

    कांग्रेस सांसद ने ग्रामीण के कंधे पर बैठकर किया बाढ़ क्षेत्र का दौरा

    ई-चालान से सावधान, केवल अधिकृत वेबसाइट से ही करें भुगतान

    ई-चालान से सावधान, केवल अधिकृत वेबसाइट से ही करें भुगतान