Loksadan।
क्षेत्र में दहसत, जनहानि होने की संभावना,
कोरबी चोटिया:- कटघोरा वन मंडल के केंदई रेंज में बीते दो सप्ताह से हाथियों की दहाड़ से थर्राया पूरा इलाका ग्रामीण अपनी फसल को बचाने के लिए आर पार की लड़ाई लड़ने को दिवस हो चुके हैं पूरी रात रत जगा कर ग्रामीण हाथ में पत्थर, गुलेल, एवं डंडे से हाथियों को वार कर खदेड रहें हैं, बीते रात्रि कोरबी के खजूरपारा मोहल्ले में ग्रामवासी हाथियों को खदेडने में जुटे रहे महिला पुरुष बच्चे बूढ़े अपने आप को सुरक्षित रखने के लिए, स्कूल आंगनवाड़ी व निजी पक्के मकान का सहारा ले रहे आसपास की ग्रामीण हाथियों की उत्पात से तंग आकर अपने फसल को बचाने के लिए जान जोखिम में डालकर हाथियों को भगा रहे हैं एक ताजा घटना ग्राम कुलहरिया के सालही पहाड़ में विचरण कर रहे हाथियों ने घनी आबादी बस्ती में घुस आए और किसानों के फसल को तहस-नहस कर दिए जिससे आक्रोश में आकर ग्राम के एक नौजवान जवान विनोद नमक युवक हाथियों से भिड़ गया और उसके हाथ में गहरा चोट आने की खबर है, इसी तरह वह अपनी जान बचाकर मौके से भागा और फिर ग्रामीणों ने हाथियों को जंगल की ओर खदेड़ा, इधर बीते रात्रि लगभग दो दर्जन हाथियों ने फुलसर कोरवी खजूरपारा में भारी उत्पात मचाया और सुबह ग्रामीणों ने हाथियों को खुरु पारा, जंगल की ओर खदेड़ा और राहत की सांस ली ग्रामीणों ने बताया कि कोरबी बस स्टैंड के पीछे स्थित एसईसीएल के द्वारा निर्माण धीन बाउंड्री बाल को हाथियों ने तोड़कर नुकसान पहुंचा दिया जिससे कंपनी को भारी नुकसान हुआ है, वन विभाग के आला अधिकारी हाथियों के निशान देही पर निगरानी में जूटे हुए हैं, पर सवाल उठता है कि वन विभाग के द्वारा हाथियों की आवाजाही के संबंध में क्षेत्र वासियों को मुनादी व लाउडस्पीकर से सूचना नहीं दी जा रही है जिससे ग्रामीण नाराजगी प्रगट कर रहे हैं, तथा फसल नुकसानी का उचित मुआवजा देने की मांग की जा रही है हाथी प्रभावित क्षेत्र में किसी उच्च अधिकारियों का दौरा नहीं होता ना ही हाथियों से बचाव के लिए विभाग की ओर से किसी प्रकार की रोकथाम की जाती है जिससे कभी भी जनहानि होने की घटना बनी हुई है!